रमज़ानुल मुबारक वह बरकत वाला महिना
है जिसमे अल्लाह ने कुरान नाजिलफ़रमाया ! रमज़ानुल मुबारक की एक रात में पुरे कुरान
का नुज़ूल हुआ अल्लाह ने उस रात को तमाम रातौं पर फजीलत अता फरमाई और उसे शबे कद्र
करार देते हुवे फ़रमाया “ शबे कद्र (फजीलत , बरकत , अजर व शवाब में ) हजारौं महिनौं
से बेहतर है “ कुरान ९७:०३
हजरत अबू हुरैरह र.ज से रिवायत है के नबी स.ल.म ने फ़रमाया : जब रमजान का महिना
आता है तो जन्नत के दरवाजे खोल दिए जाते हैं और दोज़ख के दरवाजे बंद करदिये जाते
हैं और शैतानौं को ज़ंजीर से जकड़ दिया जाता है ! (सहीह अल बुखारी :१८९९)
हजरत अबू हुरैरह र.ज से रिवायत है के नबी स.ल.म ने फ़रमाया : जिसने रमजान के
रोज़े ईमान और खालिस नियत के साथ रखे उसके गुनाह बख्श दिए गए ! (सहीह अल बुखारी :३८
)
हजरत अबू हुरैरह र.ज से रिवायत है के नबी स.ल.म ने फ़रमाया : अगर कोई शख्स झूठ
बोलना और दगाबाजी करना (रोजा रह कर भी ) न छोड़े तो अल्लाह को इसकी कोई ज़रुरत नहीं
के वह अपना खाना पीना छोड़ दे ! (सहीह अल बुखारी :१९०३ )
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